Home Om Vishwajit : For creating a new world Pragya Yug byAdmin -November 25, 2014 1 देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तवः ! परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथः!! श्री गीता 3‘11!! अर्थात - देव भाव से एक दुसरे को उपर उठाते हुए तुम सब परम कल्याण को प्राप्त होवोगे। Facebook Twitter
for great success co-operational nature is necessary ...
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