Om Vishwajit : For creating a new world Pragya Yug

   देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तवः !  परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथः!! श्री गीता 3‘11!! 

अर्थात - देव भाव से एक दुसरे को उपर उठाते हुए तुम सब परम कल्याण को प्राप्त होवोगे।

Admin

1 Comments

  1. for great success co-operational nature is necessary ...

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