yugrishi's message


 दूरदर्शी विवेकशीलता का युग आ रहा है

 “हमने भविष्य की झांकी देखी  है एवं बड़े शानदार युग के रूप में देखी है! हमारी कल्पना है की आने वाला युग प्रज्ञा युग होगा ! ‘प्रज्ञा’ अर्थात दूरदर्शी विवेकशीलता के पक्षधर व्यक्तियों का समुदाय ! अभी जो परस्पर आपा – धापी , लोभ – मोहवश संचय एवं परस्पर विलगाव की प्रविर्ती नजर आती है , उसको आने वाले समय में अतीत की कडुवी स्मृति कहा जाता रहेगा ! हर व्यक्ति स्वयं में एक आदर्श इकाई होगा एवं हर परिवार उससे मिलकर बना समाज का एक अवयव !सभी का चिंतन उच्च्स्तरिये होगा ! कोई अपनी अकेले की न सोचकर सारे समूह के हित की बात को प्रधानता देगा !

  प्रज्ञायुग में हर व्यक्ति अपने आप को समाज का एक छोटा – सा घटक मानकर चलेगा ! निजी लाभ – हनी का विचार न करके विश्वहित में अपना हित जुडा रहने की बात सोचेगा ! सबकी महत्वाकांक्षाएं एवं गतिविधिया लोकहित पर केन्द्रित रहेगी न की संकीर्ण स्वार्थपरता पर ! अहंता को परब्रह्म में समर्पित कर अद्यात्मिक जीवन – मुक्ति का लक्ष्य अगले दिनों इस प्रकार क्रियान्वित होगा की किसी को अपनी चिंता में दुबे रहने की – अपनी ही इच्छापूर्ति की , अपने परिवारजनों की प्रगति की न तो आवश्यकता अनुभव होगी और न चेष्टा चलेगी ! एक कुटुंब के सब लोग जिस प्रकार मिल- बाटकर खाते और एक स्तर का जीवन जीते है , वही मान्यता व  दिशाधारा अपनाए जाने का ओचित्य समझा जायेगा !”

-    अखण्ड ज्योति , जुलाई , १९८४, पृष्ठ- २७ 

2 Comments

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    Yoga cures cold

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